धर्म का अनिवार्य तत्त्व उसकी उदारता, महानता, सार्वभौम सत्ता में निहित है जिसका लक्ष्य ही " सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया " है .
- पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
धर्म तत्त्व का दर्शन और मर्म (५३) - १.४
"May all be content, may all be free from all limitations"
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