सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

आज का विचार

मुझे इस बात पर बहुत कम अफ़सोस हुआ कि मैं मौन क्‍यों रहा, लेकिन इस बात का कई बार अफ़सोस हुआ कि मैं बोला क्‍यों।

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