हिन्दी दिवस
आज हिन्दी दिवस है। और कुछ भी लिखने का मन नहीं है। दिल्ली मे हुए धमाकों ने बहुत विचलित किया। आख़िर हमारा देश कहाँ जा रहा है। इतनी अशांति ....उफ़
भारत देश का विकास हो उन्नति हो । और हम सभी कम से कम अपने स्तर पर बेहतरीन प्रयास करे। शायद आज हमें कर्तव्यपरायणता के पाठ को पुनः पढ़ने की जरुरत है।
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