एक शेर था और एक हिरन। सुबह हुई तो शेर ने सोचा की आज पेट भरना है तो सबसे धीमे दौङना वाले हिरन से तो तेज दौङना पड़ेगा। उधर हिरन सोच रहा था की अगर आज जीना है तो शेर से तो तेज दौङना पड़ेगा। तो दोस्तों सुबह होगई है , और शेर हो या हिरन दौङना शुरु करदो.........
तो जनाब इस कहानी की शिक्षा यह है की जहाँ हो जैसे हो अपने प्रयास करते रहो। इस बात का ज्यादा फर्क नही पड़ता की कहाँ खड़े हो, फर्क पड़ता है की आपने कब दौड़ना शुरु किया।
नोट: इस कहानी का सोर्स पता नही है। हमें तो धर्मेन्द्र जी ने सुनाई थी।
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